वर्धा, महाराष्ट्र में ग्रामीण महिला उद्यमिता उपक्रम और सहभागिता का समाजशास्त्रीय अध्ययन

Authors

  • मनीषा सिंह एवं प्रोफ डॉ. महालक्ष्मी जौहरी Author

Abstract

यह शोध पत्र वर्धामहाराष्ट्र में ग्रामीण महिला उद्यमिता और उनकी सहभागिता का समाजशास्त्रीय अध्ययन प्रस्तुत करता है। वर्धा जिला, जो अपनी ऐतिहासिक और गांधीवादी पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध है, ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण अध्ययन क्षेत्र प्रदान करता है। यहाँ की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है, और सामाजिक संरचना पितृसत्तात्मक मानदंडों से प्रभावित है, जो महिलाओं की उद्यमी भूमिका को आकार देती है। शोध का उद्देश्य इन महिलाओं के उद्यमों की प्रकृति, उनकी भागीदारी को प्रभावित करने वाले कारकों और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को समझना है।

अध्ययन में सामाजिक पूंजी, सशक्तिकरण, लिंग और विकास, और नारीवादी अर्थशास्त्र जैसे सैद्धांतिक आधारों का उपयोग किया गया है। यह पाया गया कि स्वयं सहायता समूह (SHGs) सामाजिक नेटवर्क और वित्तीय संसाधनों तक पहुँच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्धा में महिलाएँ सूक्ष्म और लघु उद्यमों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, और खुदरा व्यापार में संलग्न हैं। हालांकि, उन्हें वित्त तक सीमित पहुँच, सांस्कृतिक बाधाएँ, और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

सोनाली झाडे और लक्ष्मीबाई अमोळ शिंदे जैसे उदाहरणों से पता चलता है कि सही समर्थन से ये महिलाएँ सफलता प्राप्त कर सकती हैं। सरकारी योजनाएँ जैसे 'पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर महिला स्टार्टअप योजना' और गैर-सरकारी संगठनों की पहल इन प्रयासों को बढ़ावा देती हैं। निष्कर्ष में, यह शोध ग्रामीण महिला उद्यमिता को सामाजिक-आर्थिक विकास की कुंजी मानता है और नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से इनकी क्षमता को बढ़ाने की सिफारिश करता है।

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Author Biography

  • मनीषा सिंह एवं प्रोफ डॉ. महालक्ष्मी जौहरी

    शोध छात्रा(समाजशास्त्र) पी.के. विश्वविद्यालय, शिवपुरी (म०प्र०)

    विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग, डीन कला संकाय, पी के विश्वविद्यालय शिवपुरी मध्य प्रदेश

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Published

03/31/2025

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How to Cite

वर्धा, महाराष्ट्र में ग्रामीण महिला उद्यमिता उपक्रम और सहभागिता का समाजशास्त्रीय अध्ययन. (2025). Journal of Review in International Academic Research, 1(4). https://jriar.com/index.php/jriar/article/view/18