ओरछा का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: ऐतिहासिक इमारतों और पर्यटन क्षमता के संदर्भ में

Authors

  • शैलेन्द्र सागर एवं डॉ. अरुण कुमार मिश्रा Author

Keywords:

ओरछा, सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक महत्व , ऐतिहासिक वास्तुकला , पर्यटन क्षमता

Abstract

ओरछा, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बेतवा नदी के तट पर स्थित, अपनी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए विश्वविख्यात है। यह शोध पत्र ओरछा के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का गहन अध्ययन करता है, विशेष रूप से इसकी ऐतिहासिक इमारतों और उनकी पर्यटन क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हुए। 16वीं शताब्दी में रुद्र प्रताप सिंह द्वारा स्थापित, ओरछा बुंदेला राजपूतों का सांस्कृतिक केंद्र रहा, जहाँ संगीत, साहित्य और भित्ति चित्रकला ने समृद्धि प्राप्त की। राम राजा मंदिर, जहाँ भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है, और चतुर्भुज मंदिर जैसे धार्मिक स्थल ओरछा की आध्यात्मिक पहचान को रेखांकित करते हैं। ओरछा किला परिसर, जिसमें जहांगीर महल और राज महल शामिल हैं, साथ ही शाही छतरियाँ, राजपूत, मुगल और बुंदेलखंडी वास्तुशिल्प शैलियों का अनूठा संगम प्रस्तुत करती हैं। इन इमारतों की नक्काशी और चित्रकला धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकवाद को दर्शाती हैं। पर्यटन की दृष्टि से, ओरछा की यूनेस्को अस्थायी सूची में शामिलता और हैरिटेज वॉक जैसे आकर्षण इसे वैश्विक गंतव्य बनाते हैं। हालांकि, बुनियादी ढाँचे और सतत विकास की चुनौतियाँ बनी हुई हैं। यह पत्र सुझाव देता है कि सांस्कृतिक उत्सवों, इको-टूरिज्म और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से ओरछा की पर्यटन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। निष्कर्षतः, यह शोध ओरछा की धरोहर संरक्षण और पर्यटन विकास के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल देता है, ताकि यह नगर अपनी वैश्विक पहचान बनाए रखे।

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Published

04/03/2025

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How to Cite

ओरछा का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: ऐतिहासिक इमारतों और पर्यटन क्षमता के संदर्भ में. (2025). Journal of Review in International Academic Research, 1(4), 13-18. https://jriar.com/index.php/jriar/article/view/20